नई दिल्ली, मार्च 24 -- पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़े कथित कैश कांड की अब फॉरेंसिक टीम से जांच कराने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि जजों के खिलाफ दंडात्मक प्रक्रिया के लिए अपनाए जाने वाले महाभियोग की बजाय दूसरे तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रणाली को सुव्यवस्थित करने की जरूरत है। NDTV से बात करते हुए रोहतगी ने कहा कि महाभियोग इतनी जटिल प्रक्रिया है कि पिछले 75 वर्षों में केवल तीन या चार बार ही लाया जा सका है और इनमें से एक बार भी किसी जज पर महाभियोग नहीं लग सका है। उन्होंने कहा कि जस्टिस वर्मा से जुड़े कथित मामले को लोग न्यायिक व्यवस्था पर एक काला धब्बा और बड़ी करारी चोट के रूप में देखते हैं। इसलिए, ऐसे मामलों में अगर कोई जज दोषी पाया जाता है तो उस...