नई दिल्ली, जुलाई 8 -- सत्तापक्ष संसद के आगामी मॉनसून सत्र में इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ कैश बरामदगी मामले में महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बना रहा है। इसको लेकर कांग्रेस ने भी सोमवार को अपनी आंतरिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने लोकसभा में कांग्रेस के सदन नेताओं को निर्देश दिया है कि वे उन सांसदों की पहचान करें जो इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करेंगे। नियमों के अनुसार, लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव के लिए कम से कम 100 सांसदों के हस्ताक्षर जरूरी होते हैं, जबकि राज्यसभा में यह संख्या 50 है। प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष की जांच के बाद जजेज (इंक्वायरी) एक्ट के तहत समिति के पास भेजा जाता है।एक साथ आ सकते हैं सत्तापक्ष और विपक्ष इकॉनोमिक टाइम्स ने कांग्रेस सूत्रों के हवाले से लिखा...
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