नई दिल्ली, मार्च 23 -- दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर नोट मिलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना ने देश की न्यायिस व्यस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना को जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में लगी आग के बारे में एक रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के घर से अधजली भारतीय मुद्रा मिलने का जिक्र किया गया है। हालांकि, जस्टिस वर्मा ने सरकारी आवास में पैसे मिलने की बात को नकार दिया है। उन्होंने कहा, मुझे कभी भी आउटहाउस के स्टोररूम में नकदी के पड़े होने की जानकारी नहीं थी। न ही परिवार के किसी सदस्य को। जस्टिस वर्मा ने कहा कि ऐसे में मुद्रा के स्रोत को स्पष्ट करने का प्रश्न ही नहीं उठता। मैं इस आरोप को भी दृढ़ता से नकारता हूं और पूरी तरह से खारिज करता ...