रुडकी, सितम्बर 8 -- खानकाह फैजान-ए-वाहिद में रविवार को 14 रबीउल अव्वल की रात हजरत साबिर पाक के 757वें सालाना उर्स के अवसर पर रूहानी महफिल 'जश्ने शम्सुल आजम का भव्य आयोजन किया गया। यह महफिल गद्दीनशीन सैय्यद फरीद आलम साबरी की सरपरस्ती में संपन्न हुई। देशभर से आए मशहूर कव्वालों ने सूफियाना कलाम की मधुर धुनों से समां बांध दिया। बरेली, सहारनपुर, आगरा, मेरठ समेत अन्य कई जिलों से आए कव्वालों ने हजरत साबिर पाक की शान में कलाम पेश कर अकीदतमंदों का दिल जीत लिया। विशेष रूप से कव्वाल आसिफ नियाज़ी उदयपुरी ने अपनी गायकी से उपस्थित जनसमूह को झूमने पर मजबूर कर दिया। महफिल में मौजूद लोगों ने तालियों के साथ सूफियाना कलाम का स्वागत करते हुए कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। गद्दीनशीन सैय्यद फरीद आलम साबरी ने कहा कि जश्ने शम्सुल आजम मनाने की परंपरा पीढ़ियों से च...