प्रयागराज, मई 10 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए विवेचना अधिकारियों द्वारा पक्षकार से पैसे मांगने की प्रवृत्ति पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने प्रदेश के डीजीपी से इस आशय का परिपत्र जारी करने को कहा है कि कोई भी पुलिस अधिकारी हलफनामा दाखिल करने के लिए पक्षकार को फ़ोन न करे और पैसे की मांग न करे। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने फतेहपुर निवासी कमलेश कुमार मिश्र व अन्य के मामले में दिया है। कोर्ट ने साथ ही विवेचक मधुसूदन वर्मा के खिलाफ उचित जांच के लिए प्रकरण डीजीपी को भेजते हुए कहा कि जवाब दाखिल करने के लिए पक्षकार से पैसे मांगने की प्रथा बेहद निंदनीय है। याची के अधिवक्ता ने बताया कि विवेचना अधिकारी ने पक्षकार को फोन कर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के एवज में तीन हजार रुपये की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह चलन बन गया ह...