रुडकी, अगस्त 21 -- जलवायु परिवर्तन के देश के जल स्रोतों पर पड़ने वाले कुप्रभाव से निपटने के लिए गुरुवार से राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान (एनआईएच) रुड़की की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि, ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक, आईएएस डॉ. कमल लोचन मिश्रा ने कहा कि जल हर देश के लिए अनमोल धरोहर है। वास्तविकता यह है कि जलवायु परिवर्तन के प्रकोप से इस धरोहर को बचाना हम सभी के सामने एक प्रमुख चुनौती है। कहा कि यदि शोध उत्पादों को स्थानीय समुदायों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया जाए तभी उनका लाभ देश की जनता को मिल पाएगा। जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए हमें दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, गहन वैज्ञानिक अनुसंधान और आधुनिक एवं पारंपरिक प्रौद्योगिकियों के संतुलित स...