लखनऊ, मई 8 -- -प्रदेश की अन्य बिजली कंपनियों के साथ दक्षिणांचल व पूर्वांचल ने भी दाखिल किया एआरआर -उपभोक्ता परिषद ने कहा कि अब मार्च 2026 तक नहीं हो सकता किसी कंपनी का निजीकरण लखनऊ, विशेष संवाददाता प्रदेश में बिजली दरों के निर्धारण की कार्यवाही शुरू हो गई है। सभी बिजली कंपनियों के लिए करीब एक लाख 10 हजार करोड़ का वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) दाखिल किया गया है। इस पर पावर कॉरपोरेशन व विद्युत नियामक आयोग में वर्ष 2025-26 के लिए तकनीकी सत्यापन सत्र की बैठक हो गई है। जल्द इसे स्वीकार किया जा सकता है। फिर वार्षिक राजस्व आवश्यकता और उसके बाद दरों पर सुनवाई होगी। खास बात यह है कि अन्य कंपनियों के साथ दक्षिणांचल व पूर्वांचल बिजली कंपनियों का एआरआर भी दाखिल कर दिया गया है। इससे मार्च 2026 तक निजीकरण की कार्यवाही न हो पाने की संभावना है। विद्युत...