बांका, फरवरी 20 -- बांका। जिले में हाल के कुछ वर्षों से मौसम के मिजाज में हो रहे बदलाव से किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा होता जा रहा है। जबकि खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाओं की शुरूआत की जा रही है। लेकिन समय पर बारिश नहीं होने और अल्प-अति वृष्टि की वजह से फसलों का उत्पादन दर घटने से खेती का लागत दर बढता जा रहा है। ऐसे में क्षेत्र के किसान पारंपरिक फसलों की खेती से किनारा करने लगे हैं। जबकि खरीफ मौसम में यहां मानसून की अच्छी बारिश हुई थी। जिससे किसानों को खरीफ फसल की खेती के साथ ही रबी फसलों की बोआई में भी मदद मिली थी। अब जल संकट गहराने लगा है। जबकि अभी यहां गेहूं, सरसों, चना, मनसूर, अरहर सहित अन्य रबी फसलों की सिंचाई की जानी जरूरी है। लेकिन यहां नदी, जालाशय व नहरों में पानी नहीं रहने से किसानों को अपने फसलों की सिंचा...
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