नैनीताल, मार्च 24 -- नैनीताल, संवाददाता। उत्तराखंड में लगातार जलवायु परिवर्तन के चलते ग्रीन ग्रुप (मौस प्लांट्स) तेजी से विलुप्त हो रहे हैं। भूमि में नमी की कमी के कारण इन पौधों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। कुमाऊं विवि के एक शोध में यह परिणाम सामने आए हैं। पिछले 40 वर्षों से मौस प्लांट्स पर शोध कर रहे प्रो. एसडी तिवारी के अनुसार, इन पौधों के संरक्षण की अत्यंत आवश्यकता है। मौस प्लांट्स मुख्यतः नमी वाले क्षेत्रों में स्वयं उत्पन्न होते हैं। ये पौधे विशेष रूप से प्रकृति प्रदत्त होते हैं और इनमें जड़ों की बजाय रोम पाए जाते हैं। प्रो. तिवारी के शोध के अनुसार, उत्तराखंड के पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में मौस प्लांट्स की करीब 700 से 800 प्रजातियां पाई जाती थीं। कभी नैनीताल जिले को मौस प्लांट्स का गढ़ कहा जाता था, लेकिन बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण क...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.