सिमडेगा, सितम्बर 28 -- जलडेगा प्रखंड मुख्यालय का दुर्गा मंदिर आस्था, विश्वास और परंपरा का जीता-जागता प्रतीक है। माँ दुर्गा की अटूट कृपा और भक्तों की अगाध श्रद्धा ने इस मंदिर को आज विशेष पहचान दिलाई है। ग्रामिणों का मानना है कि यहां सच्चे मन से जो भी भक्त माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यहां से कोई भी भक्त ख़ाली हाथ नहीं लौटता। यही कारण है कि सालों भर यहां श्रद्धालु आशीर्वाद लेने पहुंचते रहते हैं। नवरात्र के मौके पर वर्षो से यहां स्थानीय कलाकारों के द्वारा रामलीला का भी मंचन किया जाता है। मां दुर्गा के इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। स्थानीय लोगों के अनुसार मंदिर परिसर में सन 1957 ई. से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन शुरू हुआ। उस समय से लेकर आज तक हर वर्ष दुर्गा पूजा धूम...