बगहा, दिसम्बर 26 -- जलजमाव होने से हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि बेकार पड़ी हुई है। साल में मात्र एक फसल ही इन खेतों में हो पा रही है। जिसका असर किसानों के आय पर पड़ रहा है। जलनिकासी की व्यवस्था हो तो इन खेतों में फसलें लहलहा सकती हैं। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। हालांकि इसमें बड़ी बाधा सड़कों, नहरों, सार्वजनिक स्थलों, नदियों- नालों, पुल- पुलियों का अतिक्रमण है। पश्चिम चंपारण जिले में लगभग चार हजार हेक्टेयर में जल क्षेत्र है। इसके बाद भी हजारों एकड़ भूमि में बारिश के समय होने वाला जलजमाव काफी दिनों तक रहता है। छह माह तक जलजमाव होने से किसान दो-तीन फसल इसमें नहीं उगा पाते हैं। योगापट्टी का लखनी चंवर, बेतिया के पीपरा पकड़ी चंवर समेत जिले के दो दर्जन से ज्यादा लोलैंड में यह स्थिति है। लालबाबू महतो, बृजेश शाह, पिंटू यादव, सिपाही यादव, अजय कुमार ...
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