बगहा, अगस्त 22 -- बेतिया नगर निगम के पश्चिम में स्थित वार्ड-1 के अधीन आने वाले बसंत टोला मोहल्ले में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। 1956 में इस मोहल्ले को नगर परिषद में शामिल किया गया था। तीन साल पहले नगर परिषद को अपग्रेड कर नगर निगम बनाया गया। लेकिन यहां के लोगों की दिशा और दशा नहीं बदल सकी है। यहां के लोगों का कहना है कि बरसात के दिनों में बसंत टोला टापू में तब्दील हो जाता है। जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। मोहल्ले के 60 फीसदी परिवार खेती-किसानी और मजदूरी पर निर्भर हैं। जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने से हल्की बारिश में सड़कें पानी से लबालब हो जाती हैं। सड़क और नाला का फर्क मिट जाता है। कई लोग नाले को ही सड़क समझ उसमें गिर चुके हैं। मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट नहीं दिखती है। इससे शाम होते ही बसंत टोला मोहल्ला अंधेरे में डूब जाता है। मोहल्ले...
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