लखनऊ, मई 5 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता 17 दिनों में 50 नाटकों का मंचन करने वाली मंचकृति समिति ने सोमवार को तीन नाटकों का मंचन किया। संत गाडगे महाराज प्रेक्षागृह में मंचित हुए नाटकों का संगम बहुगुणा और विकास श्रीवास्तव ने निर्देशन किया। सबसे पहले निवेदिता बुढलाकोटि की लिखी कहानी विस्तृत नभ का कोई कोना का मंचन हुआ। इसके बाद शालिनी राय निगम की कहानी मजबूर को मंच पर दिखाया गया। अंतिम प्रस्तुति स्वर्गीय स्वरूप कुमारी बख्शी के रची कृति प्यार कभी बूढ़ा नहीं होता का मंचन किया गया। इस कहानी में कश्मीर के आतंकवादियों द्वारा किए हमलों के बीच पनपती प्रेम कहानी को दर्शाया गया। पहले नाटक विस्तृत नभ का कोई कोना, माला और भावना की कहानी है। एक शरीर से कमजोर है तो दूसरी मन से। माला अपनी शारीरिक कमजोरियों के बावजूद हर स्तर पर संघर्ष करती है। उसके पति, पिता ...