गुमला, मई 5 -- गुमला,प्रतिनिधि। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। एक ओर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में बेहतर साफ-सफाई और सुविधाओं के बीच रोजाना सैकड़ों मरीज ओपीडी और संस्थागत इलाज का लाभ उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है। डॉक्टरों और तकनीकी कर्मियों की भारी कमी के बीच मरीजों की जान इलाज के बजाय ईश्वर के भरोसे टिकी हुई है।करीब 70 हजार से अधिक आबादी वाले चैनपुर प्रखंड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर खपरैल भवन में संचालित हो रहा है। बरसात के मौसम में टपकती छत के नीचे महिला मरीज प्रसव के समय परेशान रहती हैं। यहां सात स्वीकृत डॉक्टरों के पदों में मात्र एक पदस्थापित डॉक्टर के भरोसे पूरा अस्पताल संचालित हो रहा है। टेक्नीशियन के अभाव में एक्स-रे और अन्य जांच म...