रुद्रप्रयाग, नवम्बर 2 -- श्री शक्ति, संस्कृति एवं सांस्कृतिक ट्रस्ट द्वारा आयोजित रामलीला के अंतिम दिन हनुमान श्रीराम से आग्रह करने लगे कि हे प्रभु मुझे सदा अपनी चरणों में रखें। जब प्रभु राम ने हनुमान को लम्बी सेवा के बदले माला भेंट कर उनका आभार व्यक्त करना चाहा तो हनुमान प्रभु से बोले कि हनुमान का जन्म ही प्रभु राम की सेवा के लिए हुआ है। मुख्यालय स्थित नए बस अड्डे में रविवार को रामलीला का समापन हो गया। राजतिलक के पूर्व मुख्य बाजार में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में राम भक्तों ने भागीदारी की। श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के जयकारों से सम्पूर्ण नगर गुंजायमान हुआ। जमकर आतिशबाजी कर भक्तों ने श्रीराम के चौदह वर्ष वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी मनाई। इस मौके पर राम का राजतिलक किया गया। भक्तों ने इस क्षण पर पुष्प वर्ष...