गंगापार, अक्टूबर 12 -- शनिवार सुबह जब किसानों को पता चला कि नहर टूट गई है तो उनके पांव तले जमीन खिसक गई। जिसने अपने धान काट कर खेत में सूखने के लिए छोड़ रखा था, उनकी पूरी कमाई डूब गई। जिनका धान पककर तैयार है, उनकी हालत खराब है। वो पानी निकलने का इंतजार कर रहे है। वो किसान जो नहर के पानी पर निर्भर है उनकी खेती लेट हो गई उनका न नुकसान है न फायदा। जिन किसानों को आलू की बोआई करनी है उन्हें समय से खेत तैयार होगा कि नहीं इसको लेकर असमंजस में है। सुबह पानी बहता देख किसानों ने उपजिलाधिकारी जूही प्रसाद को नहर टूटने की सूचना दी। उपजिलाधिकारी ने किसानों की शिकायत का संज्ञान लेते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर तत्काल नहर बंद करवाने का निर्देश दिया। तब जाकर सिंचाई विभाग की तंद्रा टूटी। नहर रेलवे पुल के नीचे टूटी थी। इसलिए रेलवे के अधिकारी...
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