भागलपुर, जून 14 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता। अपनों के लिए दूसरों का खून बहाने को तैयार रहने वाले लोग अपनों को खून देने के लिए कतरा रहे हैं। ज्यादातर लोग अपनों को खून उपलब्ध कराने के लिए जुगाड़ लगाने से लेकर दलालों तक से खून खरीद रहे हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि जितने लोग रक्तदान कर रहे हैं, उससे तकरीबन सात गुने लोगों को खून की जरूरत होती है। रक्तदान करने वालों की इतनी कम संख्या है कि साल 2024 में कुल जरूरत के खून की तुलना में महज 15.35 प्रतिशत लोग ही स्वैच्छिक रक्तदान के लिए आगे आए। साल 2022 में कम होने के बाद बढ़ रही रक्तदाताओं की संख्या जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) के क्षेत्रीय ब्लड बैंक के आंकड़े बताते हैं कि साल 2021 तक कुल जरूरत की तुलना में 20 प्रतिशत तक खून की आपूर्ति रक्तदान से हो जाती थी, लेकिन इ...