जयपुर, अगस्त 5 -- जयपुर की शांत सुबह अचानक गोलियों की आवाज से दहल उठी। मोहल्ले में लोग अखबार और चाय की चुस्कियों में व्यस्त थे, लेकिन उसी वक्त एक घर के बाहर मौत घात लगाकर बैठी थी। वो सुबह आम नहीं थी, क्योंकि उस दिन रिश्तों की रगों में नफरत का ज़हर दौड़ चुका था। और कुछ ही पलों में, एक राइफल की ट्रिगर पर रखी उंगली ने पूरे शहर को चौंका दिया। ये कहानी है इंस्पेक्टर शंकर लाल बलाई की एक जिम्मेदार अफसर, जो हर दिन की तरह उस सुबह भी मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि लौटते ही उनका स्वागत गोलियों से किया जाएगा। दरअसल, बगरू के जिस घर में वो रहते थे, उसी के बाहर उनका साला अजय कटारिया पहले से छिपा बैठा था। आंखों में जलन, सीने में बदले की आग और हाथ में थी सरकारी राइफल। अजय RAC की 12वीं बटालियन में जवान था, लेकिन उस सुबह वो कानून का र...
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