नई दिल्ली।, दिसम्बर 25 -- Atal Bihari Vajpayee Jayanti: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो मजबूत स्तंभ माने जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की जोड़ी भारतीय राजनीति में दशकों तक अटूट मानी जाती रही, लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी अलग राजनीतिक पार्टी बनाने पर गंभीरता से विचार किया था। यह खुलासा वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी ने बुधवार को प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय में आयोजित एक सार्वजनिक व्याख्यान के दौरान किया। यह व्याख्यान अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित किया गया था और इसका विषय था- "अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन और योगदान"। नीरजा चौधरी के अनुसार, जब 1984 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ दो सीटें मिली थीं और वाजपेयी ग्वालियर से चुनाव हार गए थे। उसी दौर में ...