भागलपुर, अप्रैल 13 -- जमुई। जलियांवाला बाग हत्याकांड की 106वीं वर्षगांठ और शहीद स्मृति दिवस पर नगर परिषद स्थित सिरचंद नवादा में "जलियांवाला बाग हत्याकांड भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय" विषय पर एक परिचर्चा की गई। अपने अध्यक्षीय प्रबोधन में डॉ. (प्रो.) गौरी शंकर पासवान ने कहा कि 13 अप्रैल 1919 को जब ब्रिटिश सरकार की क्रूरता ने अमृतसर की पवित्र धरती को खून से लाल कर दिया था. ब्रिगेडियर जनरल डायर ने निर्दोष और निहत्थे लोगों पर 10 मिनटों तक करीब 1650 से अधिक अंधाधुंध गोलियां चलवा दी. लोग शांति पूर्ण जलियांवाला बाग में बैसाखी का पर्व बना रहे थे. उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड भारतीय इतिहास का एक काला और खौफनाक अध्याय है। 13 अप्रैल 2025 को इस हृदय विदारक घटना को 106 वर्ष पूरे हो चुके हैं। यह केवल एक वर्षगांठ नहीं, बल्कि एक चेतावनी है...