नई दिल्ली, जून 24 -- उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण रोकने को बनाए गए कानून के उल्लंघन मामले में जमानत दिए जाने के बाद भी आरोपी को रिहा नहीं किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने इसे न्याय का उपहास बताया और यूपी के जेल महानिदेशक और गाजियाबाद जिला जेल अधीक्षक को 25 जून को पेश होने का आदेश दिया। जस्टिस के.वी. विश्वनाथन और एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि आरोपी को महज इस वजह से जमानत पर रिहा नहीं किया गया कि जमानत के आदेश में संबंधित कानून की उपधारा का जिक्र नहीं किया गया। पीठ ने कहा कि 'यह मामला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति दर्शाता है। पीठ ने उत्तर प्रदेश के जेल महानिदेशक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से और गाजियाबाद के जेल अधीक्षक को स्वयं उपस्थित होने का आदेश दिया है। जेल प्रशासन...