नई दिल्ली, सितम्बर 22 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिकाओं की बाढ़ पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने कहा कि सर्वोच्च अदालत वास्तव में जमानत अदालत बन गया है। उन्होंने कहा कि'अपराध बढ़ रहे हैं, ऐसे में सामाजिक विकास के संबंध में न्यायिक प्रभाव मूल्यांकन की आवश्यक है। ‌ जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि 'यदि ज्यादा पीठें उपलब्ध हों, या निचली अदालतें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करें, तो जमानत के कम मामले सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचेंगे। उन्होंने यह टिप्पणी 19 सितंबर को तब की, जब वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी (जस्टिस नागरत्ना) अध्यक्षता वाली पीठ अन्य दिनों में दोपहर के भोजन का अवकाश लेती है, जिससे वकीलों को भी दोपहर के भोजन का अवकाश मिल सके। इस पर जस्टिस नागरत्...