जमशेदपुर, नवम्बर 4 -- लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में गत सोमवार से तीन दिवसीय 25 वां अंतरराष्ट्रीय संथाल सरना धर्म महासम्मेलन शुरू किया गया। इसमें जमशेदपुर समेत पूरे कोल्हान से संथाल आदिवासियों का जत्था पूजा करने के लिए लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ गया है। मान्यता है कि हजारों-लाखों वर्ष पूर्व इसी स्थान पर लुगु बाबा की अध्यक्षता में संथालों के जन्म से लेकर मृत्यु तक का रीति-रिवाज यानी संथाल संविधान की रचना हुई थी। इस प्रकार बोकारो के लालपनीय स्थित लुगुबुरु घंटाबाड़ी देश-विदेश में निवास कर रहे संथालों के लिए गहरी आस्था का केंद्र है और उनके गौरवशाली अतीत से जुड़ा महान धर्मस्थल है। हर अनुष्ठान में संथाल लुगुबुरु का बखान करते हैं। कहा जाए तो लुगुबुरु संथालों की संस्कृति, परंपरा का उद्गम स्थल है। विभिन्न प्रदेशों से आगंतुक श्रद्धालु यहां पहुं...