नई दिल्ली, अगस्त 5 -- शिबू सोरेन के आंदोलन की आवाज दिल्ली तक पहुंच गई थी। टुंडी के जंगलों से जो आंदोलन चल रहा था, वह धीरे-धीरे संताल तक फैल गया था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बोकारो के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचीं थीं। उन्होंने धनबाद के तत्कालीन डीसी केबी सक्सेना के हाथों मिलने का संदेश भिजवाया, लेकिन शिबू सोरेन ने वार्ता से इनकार कर दिया था। शिबू सोरेन का आंदोलन जब अपने चरम पर था तब घटक नामक एक दारोगा था जो संताल के एक गांव में आंदोलनकारियों को पकड़ने गया था, लेकिन जिंदा नहीं लौटा न ही उसकी लाश मिली। इससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गयी। मामला तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी तक पहुंचा। तत्कालीन बिहार सरकार का यह आदेश आया कि किसी भी हाल में शिबू सोरेन को जिंदा या मुर्दा पकड़ा जाये। इस बीच केबी सक्सेना को धनबाद का उपायुक्त ब...