लखनऊ, अगस्त 10 -- बीरबल साहनी मार्ग स्थित खाटू श्याम मंदिर प्रांगण में चल रही संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथाव्यास स्वामी बाल भरत जी महाराज ने प्रह्लाद चरित्र से लेकर कृष्ण जन्म तक की सुंदर कथा का रसपान कराया। व्यास जी ने श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार ही कारागृह है। जिसमे देवकी और वसुदेव रूपी जीव बंदी बने बैठे हैं। माया की हथकड़ी में जकड़े हुए हैं। यह हथकड़ी तब तक नहीं टूटेगी जब तक श्रीकृष्ण अर्थात ब्रह्म को अपने सिर पर धारण नही करेंगे। जैसे ही वसुदेव टोकरी में श्रीकृष्ण को रखकर खड़े हुए वैसे ही सारी हथकड़ी-बेड़ी टूट गयी। अतः जब हम अपने सिर पर ब्रह्म को धारण करते हैं तब माया की हथकड़ी बेड़ी टूट जाती है। जब हम माया को सिर पर धारण करते हैं तो हम पुनः बेड़ियों में जकड़ जाते हैं। उन्होंने समुद्रमंथन, वामनावतार आदि की कथा स...