हिन्दुस्तान ब्यूरो, सितम्बर 10 -- वर्ष 2000 का विधानसभा चुनाव बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के प्रभावी हस्तक्षेप के लिए याद रखा जाएगा। वे इस दौरान भले ही सात दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने, लेकिन इस चुनाव के बाद से ही बिहार की सियासत नयी करवटें लेनी शुरू कर चुकी थी। त्रिशंकु सदन बनने के बाद सरकार बनाने को खूब जोड़ तोड़ हुई। इस बीच बिहार बंटवारे की आहट भी आने लगी थी और इसको लेकर भी राजनीति चरम पर थी। चुनाव परिणाम के बाद एनडीए और राजद गठबंधन के बीच सरकार बनाने को लेकर जबरदस्त खींचतान हुई। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार भी बनी, लेकिन उन्होंने बहुमत साबित करने के पहले ही इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लालू प्रसाद यादव की सरपरस्ती में राष्ट्रीय जनता दल ने सरकार बनायी और राबड़ी देवी को फिर से मुख्यमंत्री बनाया गया। वे पांच वर्षों तक शासन...
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