सीवान, मई 6 -- रघुनाथपुर, एक संवाददाता। जब-जब धरती पर धर्म की हानि हुई तब-तब प्रभु श्रीराम ने अवतार लिया। राक्षसों एवं दानवों का प्रकोप जब-जब बढ़ा हैं, उनका समूल नाश के लिए भगवान श्री हरि विष्णु को धरती पर देवतुल्य के रूप में अवतार लेना पड़ा है।रविवार की रात में रघुनाथपुर प्रखंड के पंजवार गांव स्थित श्री महावीर मंदिर परिसर में श्री राम प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ के तीसरे दिन रविवार की रात में मथुरा-वृन्दावन की कथा वाचक राधेप्रिया जी ने श्रीराम कथा के दौरान कही। कथा में आगे कहा कि श्रीराम प्रभु राक्षसों के समूल नाश करने के लिए सरयू नदी के तट बसे नगर अयोध्या में अवतरित हुए। राक्षसों एवं दानवों के अत्याचार से देवी-देतवा जब त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे थे। राक्षसों के अत्याचार से देवी-देवताओं ने पहाड़ों, खंडहरों और जंगलों में शरण लिया करते थे। जब...