जयपुर, जुलाई 22 -- राजस्थान के किठाना गांव से निकलकर देश के उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले जगदीप धनखड़ की सियासी यात्रा किसी रोमांचक कहानी से कम नहीं है। सोमवार शाम उन्होंने अपने पद से अनाचक इस्तीफा देकर सबको हैरान कर दिया। वकालत से लेकर सियासत तक, धनखड़ ने हर कदम पर अपने हुनर का लोहा मनवाया, लेकिन जब वे जनता दल छोड़कर कांग्रेस के रास्ते पर चले, तो राजस्थान की सियासी जमीन ने उन्हें दो बार हार का स्वाद चखाया।जनता दल से शुरू हुआ सियासी रंग जगदीप धनखड़ ने 1989 में जनता दल के टिकट पर झुंझुनूं लोकसभा सीट से अपनी सियासी पारी शुरू की। यह वह दौर था जब जनता दल विपक्षी गठबंधन की धुरी बन रहा था। धनखड़ ने न केवल जीत हासिल की, बल्कि 1990 में चंद्रशेखर सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री का पद भी संभाला। उनकी वाकपटुता और कानूनी पकड़ ने उन्हें जल्द ही ...