विधि संवाददाता, जुलाई 5 -- हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रेप के प्रयास के एक मामले में अभियुक्त को सत्र अदालत से मिली सजा को बरकरार रखते हुए, कहा है कि पीड़िता के कपड़े उतारना रेप का प्रयास ही है। यह निर्णय न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की एकल पीठ ने प्रदीप कुमार उर्फ पप्पू उर्फ भूरिया की अपील को खारिज करते हुए दिया। सत्र अदालत ने अभियुक्त को दस साल कारावास की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने इसे सही माना। मामला लखनऊ के अलीगंज थाना क्षेत्र का है। वर्ष 2004 में एफआईआर दर्ज कराते हुए, पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि उसकी 16 साल की बेटी को अभियुक्त बहला-फुसला कर भगा ले गया है। जांच के दौरान पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया। पीड़िता ने भी अपने बयान में अभियुक्त पर जबरन वैन में ले जाकर करीब 20 दिनों तक एक रिश्तेदार के घर में बंधक बनाकर रखने और इस दौरान उसके कपड़े ...
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