भागलपुर, सितम्बर 6 -- नाथनगर। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि कबीरपुर स्थित श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र में दसलक्षण महापर्व के नौवें दिन उत्तम आकिंचन्य धर्म के मौके पर सिद्ध क्षेत्र में विराजमान भगवान वासुपूज्य की पद्मासन प्रतिमा का श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना भक्ति पूर्वक किया। इस अवसर पर दिल्ली से पधारे ललित बेनाड़ा ने कहा कि आकिंचन्य का अर्थ है अपरिग्रह। परिग्रह का ढेर बढ़ता जाता है और मनुष्य की इच्छा भी उसे और बढ़ाने की बढ़ती जाती है। जबतक मनुष्य परिग्रह के संग्रह से मुक्त नहीं होगा तब तक शांति नहीं मिलेगी। परिग्रह शोभा नहीं बोझा है। उन्होंने कहा कि गुरु का सानिध्य विकार क्लेश को समाप्त करता है। विश्व कल्याण की भावना प्रत्येक धर्म का मूल है। सिद्ध क्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने कहा कि अनंत चतुर्दशी के पावन अवसर पर भगवान वासुपूज्य का निर्व...