प्रयागराज, अक्टूबर 9 -- प्रयागराज। जन्म से नहीं मिली आंखें पर दिल में है रोशनी की पूरी दुनिया। अपनी असाधारण प्रतिभा, कौशल, लगन और निष्ठा से लोगों के दिल में जगह बना ली। दृष्टि दिव्यांगता उनके लिए अभिशाप नहीं बनी, बल्कि अपनी रचनात्मकता और निपुणता से नए प्रतिमान गढ़े। आकाशवाणी इलाहाबाद के टॉप-ग्रेड कलाकार दृष्टि दिव्यांग श्रीकांत वैश्य का 80 के दशक में गाया सदाबहार गीत झुलनी के रंग साचा हमार पिया...हर किसी की जुबान पर छाया रहा। रमाकांत सिंह क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय में सहायक पर्यटन अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। बीएचयू से हिंदी, अंग्रेजी में परास्नातक रमाकांत विदेशी पर्यटकों को गाइड करते थे। सड़वा कला नैनी के रहने वाले दृष्टि दिव्यांग कन्हैया जेडी हेल्थ कार्यालय में कार्यरत हैं। साथ ही उनकी पत्नी दृष्टि दिव्यांग गुड्डी गवर्नमेंट प्र...