लखनऊ, सितम्बर 27 -- शिशु के जन्म के एक माह के भीतर सुनने की क्षमता की जांच करानी चाहिए। ताकि समय रहते सुनने की कमी की पहचान की जा सके। इससे बच्चे को भविष्य में कम या न सुनाई देने वाली बीमारियों से बचा सकते हैं। यह सलाह लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने दी। वह शनिवार को लोहिया संस्थान के शहीद पथ स्थित मातृ शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल में नवजात शिशुओं में श्रवण स्क्रीनिंग पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि नवजात शिशुओं की श्रवण स्क्रीनिंग जरूरी करानी चाहिए। ताकि सुनने की क्षमता के नुकसान की जल्द पहचान की जा सके। उन्होंने कहा कि हर साल कई बच्चे सुनने की हानि के साथ पैदा होते हैं। यदि जन्म के एक माह के भीतर स्क्रीनिंग की जाती है और सुनने की कमी की पहचान हो जाती है। इस मौके पर ईएनटी विभाग ने बाल रोग वि...