बागपत, अगस्त 16 -- भाद्रपद की तिथि अष्टमी, जन्मे कृष्ण मुरार, प्रगटे आधि रात को, सोये पहरेदार। रात 12 बजे का घंटा बजते ही घर और मंदिरों में कान्हा ने जन्म लिया। घंटे-घड़ियाल, ढोल-नगाड़े, झांझ-मजीरे और मृदंग बजने लगे। शंख की मंगल ध्वनि के बीच पंच गव्य के अभिषेक के साथ पूजन किया गया। जिलेभर में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। घरों में लोगों ने गोपाल जी का केक काटने के साथ उनका मंदिर सजाया। झांकियों के पास नंदघर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी, जन्मे है कृष्ण कन्हाई, गोकुल में बाजे बधाई... के जयघोष गूंजते रहे। मंदिरों में भजन संध्या, शंख से भगवान श्रीकृष्ण का पंचाभिषेक हुआ। सभी मंदिरों में देर रात तक पूजा पाठ हुआ। श्रद्धालुओं ने उपवास रख मंदिरों में पूजा अर्चना कर धर्मलाभ उठाया।मंदिर रंगीन रोशनी और फूलों से सजे रहे। मंदिरो...