कुशीनगर, नवम्बर 2 -- कुशीनगर। पडरौना राजघराने ने जनहित के ख्याल से साल 1920 में पडरौना में जो चीनी मिल लगाई थी, सरकारी तंत्र की शिथिलता की वजह से लोग कब्जा करते गए। चीनी मिल के डोंगे में गन्ना पड़े 13 वर्ष बीत गए, जिम्मेदारों की सुस्ती या लापरवाही के चलते इसके अधिकांश हिस्से पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। मौजूदा डीएम के ध्यान देने और इसे पुन: चलाने के लिए गठित राजस्वकर्मियों की टीम द्वारा जमीन की पैमाइश में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। वे यह कि बहुत से लोगों ने चीनी मिल की जमीन के पुराने नंबरों में हेरफेर कर गलत तरीके से नए नंबरों से अपने नाम करा लिया है। इसकी वजह से मौजूदा समय में पडरौना चीनी मिल की जमीन काफी घट गई है। यदि सही ढंग से निष्पक्ष पैमाइश हो गई तो बहुत से लोगों के मकान जद में आएंगे। ऐसे लोगों को जमीन के पैमाइश...