आरा, मई 19 -- -'कला का सामाजिक दायित्व और राकेश दिवाकर का कला-चिंतन विषय पर विमर्श -स्मृति दिवस पर उनके लेख 'चित्रकला: एक चिंगारी राख में दबी हुई का पाठ किया गया आरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। राकेश दिवाकर चित्रकला के क्षेत्र में एक अच्छे संगठक और कला के गहरे अध्येता थे। वे केवल यथार्थ के नहीं, बल्कि संभावित यथार्थ के कलाकार थे। उन्होंने उन्हें चित्रकला को समझना सिखाया। शहर के पकड़ी स्थित जनमित्र कार्यालयमें चित्रकार व कला-साहित्य समीक्षक राकेश दिवाकर के तीसरे स्मृति दिवस पर जन संस्कृति मंच की ओर से आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जसम के राज्य अध्यक्ष कवि-कथाकार जितेंद्र कुमार ने ये बातें कहीं। मौके पर 'कला का सामाजिक दायित्व और राकेश दिवाकर का कला-चिंतन विषय पर विचार-विमर्श हुआ। पहले राकेश के कलाकर्म के शुरुआती दौर में लिखे गए उनके ल...