हरिद्वार, नवम्बर 15 -- एसएमजेएन पीजी कॉलेज में जनजातीय गौरव दिवस पर शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस जननायकों के बलिदान और शौर्य को स्मरण कराता है। कहा कि जनजातियों में अनेकों ऐसे जननायक हुए हैं जिनका भारत की स्वाधीनता में महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं। आज आवश्यकता है कि हमारी युवा पीढ़ी उन जननायकों के विषय में जान सके। कहा कि जिन मणियों से अखाड़े की परिकल्पना बनती है वो भी जनजातियों का ही एक स्वरूप होती हैं। मुख्य वक्ता समाजशास्त्री प्रो. भगवान सिंह बिष्ट ने कहा कि जनजातियां भारत की सामजिक, सांस्कृतिक विरासत तथा ज्ञान पद्धति की पृष्ठभूमि रही हैं। आधुनिक समय में सामाजिक जागरूकता बढ़ाकर आदिवासी संस्कृतियों के संरक्षण को सुनिश्चित किया जा सकता है तथा साथ ही उनके जीवन स्तर में सुधार लाकर...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.