नई दिल्ली, मार्च 22 -- नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता राजधानी के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में चल रहे आदि रंग महोत्सव 2025 के दूसरे दिन भारत की समृद्ध जनजातीय विरासत का भव्य प्रदर्शन देखने को मिला। इस आयोजन में पारंपरिक नृत्य, संगीत और नाटक की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शनिवार को भारत की आदिवासी प्रदर्शन कलाओं को मुख्यधारा में लाना विषय पर एक संगोष्ठी भी आयोजित की गई।इस संगोष्ठी में प्रतिष्ठित विद्वानों और कला क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भारत की जनजातीय प्रदर्शन कलाओं की प्रासंगिकता और उनके संरक्षण पर चर्चा की। संगोष्ठी के बाद विभिन्न राज्यों के लोकनृत्य समूहों ने अपने पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुतियां दीं। इनमें असम से राभा जनजातीय नृत्य और बर्दबी सिखाला दहल धुंगी नृत्य, अरुणाचल प्रदेश से जूजू जाजा रिकम पाडा नृत्य, आंध्र प्रद...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.