लोहरदगा, अक्टूबर 14 -- भंडरा, प्रतिनिधि। लोहरदगा भंडरा के धोबाली गांव में एतिहासिक धोबाली जतरा महोत्सव का सोमवार को आयोजन हुआ। यह महोत्सव सैकड़ों वर्षों से लगते आ रहा है और आदिवासी संस्कृति एवं परंपरा का जीवंत प्रतीक माना जाता है। मौके पर बिन्देश्वर उरांव ने कहा कि धोबाली जतरा सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारी आदिवासी संस्कृति, परंपरा और सामुदायिक एकजुटता का प्रतीक है। इसे संरक्षित करना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस वर्ष के महोत्सव में पारंपरिक भैंसा लड़ाने की परंपरा का आयोजन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। क्षेत्र के लोग दूर-दराज़ से इस ऐतिहासिक आयोजन को देखने पहुंचे और अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने का अनुभव किया। साथ ही आस-पास के दर्जनों खोड़हा मंडलियों ने पारंपरिक नृत्य एवं गीतों का शानदार प्रदर्शन कर लोगों को...
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