नई दिल्ली, जुलाई 17 -- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली याचिका पर गुरुवार को नाराजगी जताई। अदालत ने इसे 'अशोभनीय एवं 'प्रचार का हथकंडा करार दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने पूर्व जज और वरिष्ठ अधिवक्ता एस. मुरलीधर को इस मामले में अदालत की सहायता के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण ने कहा था कि वह उसकी याचिका को स्वीकार करेगा, लेकिन बाद में उसने इसे खारिज कर दिया। यह याचिका भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) से स्नातक रवि कुमार ने दायर की है। पीठ ने कुमार से कहा कि आप बहुत विद्वान हैं। हमें बताइए कि कानून के किन प्रावधानों के तहत न्यायाधिकरण के जज और सदस्यो...