नई दिल्ली, नवम्बर 30 -- सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने शनिवार को एक गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के फैसलों पर केवल इसलिए दोबारा विचार नहीं करना चाहिए कि उन फैसलों को लिखने वाले जज बदल गए हैं। यह टिप्पणी उन्होंने उन मामलों के संदर्भ में की जहां बाद की बेंचों द्वारा पुराने फैसलों को पलटने की प्रथा बढ़ रही है। हरियाणा के सोनीपत में ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन में बोलते हुए, जस्टिस नागरत्ना ने न्यायिक स्वतंत्रता की विकसित समझ पर जोर दिया। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि न्यायिक स्वतंत्रता की विकसित समझ के लिए यह हमारे कानूनों की प्रणाली द्वारा आश्वासन जरूरी है कि एक बार दिया गया फैसला समय के साथ टिका रहेगा, क्योंकि यह "स्याही से लिखा गया है, रेत से नहीं।" उन्...