नई दिल्ली, अक्टूबर 28 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने मंगलवार को न्यायपालिका में प्रवेश स्तर के जजों की धीमी और असमान करियर प्रगति पर चिंता जताई। पीठ ने जिला न्यायपालिका में उच्च न्यायिक सेवा (एचजेएस) संवर्ग में वरिष्ठता तय करने के लिए समान राष्ट्रीय मानदंड तैयार करने पर सुनवाई शुरू की। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस सूर्यकांत, विक्रम नाथ, के विनोद चंद्रन और जॉयमाल्या बागची शामिल हैं। सुनवाई के दौरान सीजेआई गवई ने कहा कि कई राज्यों में दीवानी जज (सीजे) के रूप में भर्ती अधिकारी प्रधान जिला जज या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद तक नहीं पहुंच पाते। इससे कई प्रतिभाशाली युवा वकील सेवा में शामिल होने से हतोत्साहित होते हैं। संविधान पीठ यह भी विचार कर रही है...
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