मधुबनी, जुलाई 6 -- मधेपुर। पर्व हिंदुओ का हो या मुस्लिमों का उसके मनाने का तरीका भी कभी-कभार अलग होता है। कर्बला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन साहब के शहादत की याद में मोहर्रम पर्व में शिया समुदाय के लोग खास तरीके से मनाते हैं मातम। इस समुदाय के पुरुष सदस्यों में नन्हें बच्चों से लेकर युवा व बड़े-बूढ़े सभी सीना(छाती) को ब्लेड से खरोंचकर मनाते हैं मातम। मातम मनाने के दौरान परिवार की महिलायें काले कपड़ा पहनकर गम के तहत छाती पीटती है। पुरुष सदस्य भी गम मनाने के दौरान काला कपड़ा ही पहनते हैं। इनके घरों पर मोहर्रम पर्व के दौरान गम का प्रतीक काला झंडा लगा रहता है। शिया समुदाय के मधेपुर में दर्जनभर परिवार के करीब पांच दर्जन सदस्य हैं। जिसमें शुक्रवार शाम को इस परिवार के करीब ढाई दर्जन पुरुष सदस्य इस वर्ष ब्लेड एवं जंजीर लगे छोटे तलवार से खरोंचकर पर्व...