घाटशिला, अप्रैल 24 -- चाकुलिया, संवाददाता। चाकुलिया वन क्षेत्र में वनोत्पाद ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।‌ इन दिनों जंगलों में औषधीय गुणों से भरपूर चिरौंजी (चार, पिला) के पेड़ फलो से लदे गये हैं। चिरौंजी के फल ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। चिरौंजी फल का बीज ग्रामीणों की आय का प्रमुख जरिया बना है। पेड़ों पर फल पकने लगे हैं और ग्रामीण चिरौंजी का फल तोड़ने में मस्त हैं। चिरौंजी के बीज को धूप में सूखा कर 40 से 50 रुपये किलो की दर से बेच रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग जंगलों में चिरौंजी के पौधों का भी रोपण कराये तो ग्रामीणों की आमदनी में और वृद्धि होगी। क्योंकि जंगलों में चिरौंजी के पुराने पेड़ धीरे-धीरे नष्ट हो रहे हैं। चाकुलिया वन क्षेत्र के जंगलों में बड़ी संख्या में चिरौंजी के पेड़ हैं। खासकर पश्चिम बंगाल की सीमा ...