रुद्रप्रयाग, नवम्बर 16 -- गढ़वाल के पहाड़ी इलाकों में जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों से लोगों को बचाने में ऑटोमैटिक रडार सिस्टम उपयोगी साबित हो सकता है। सरस्वती विद्या मंदिर इंटरमीडिएट कॉलेज ऊखीमठ के कक्षा दसवीं के छात्र चिन्मय नौटियाल ने ऑटोमैटिक रडार सिस्टम तैयार किया है। उन्होंने यह मॉडल जिला विज्ञान महोत्सव में प्रदर्शित किया, जिसे राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चुना गया है। चिन्मय ने तीन दिन में यह ऑटोमैटिक रडार तैयार किया है। उन्होंने अल्ट्रासोनिक सेंसर, मोटर बजर और लाल, पीली और हरी लाइट्स की मदद से इस रडार को तैयार किया है। यह रडार जंगली जानवर, गुलदार, भालू, बंदर, सूअर सहित अन्य जानवरों की चहलकदमी को चार मीटर की दूरी तक पता कर लेता है। जानवर के चार मीटर की दूरी पर रडार पर लगा बजर हरि लाइट के साथ कम ध्वनि के साथ बजने लगता है। जब, जान...
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