बागपत, जुलाई 22 -- बच्चों से लेकर बड़ों तक को घर का खाना कम पसन्द आता है बल्कि उन्हें जंक फूड पसंद है। दिनभर में कभी मैगी, कभी मोमोज, कभी पिज्जा तो कभी बर्गर जबतक न पेट में जाए, तब तक उनका न तो पेट भरता है और न ही मन। कुछ ऐसी लत के कारण अब गली-मोहल्लों में एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों दुकानें खुल चुकी हैं। पिछले 5 साल से जिले में जंक फूड/फ़ास्ट फूड की दुकानों, रेस्टोरेंट खुलने के मामले 200 फीसदी बढ़ गए हैं। ये मामले यह बता रहे हैं कि जंक फूड केवल जुबान की लत नहीं है, बल्कि दिमाग से भी इसका गहरा रिश्ता बन चुका है। इसकी आदत बच्चों से लेकर युवाओं में गहरी पैठ बना चुकी है। इसके आगे तो घर का खाना भी पसंद नहीं आ रहा है। दुष्परिणाम यह है कि शरीर की क्षमता के साथ दिमागी तौर पर भी तेजी से कमजोरी आ रही है। सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों का म...
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