मुजफ्फरपुर, मार्च 12 -- मुजफ्फरपुर। कोरोना काल में परदेस से लौटे कई लोगों ने छोटे मालवाहक वाहनों को रोजी का जरिया बनाया। अपने घर पर रहकर दो वक्त की रोटी जुटाने के सपने बुने थे। मैकेनिक का काम करने वालों ने भी छोटे वाहन खरीदे। मुनाफे की जगह कारोबार जब घाटे का साबित होने लगा तो फिर से मैकेनिक का काम करने लगे हैं। इन वाहन मालिकों का कहना है कि रात में पुलिस की वेश में अपराधी लूटपाट करते हैं और दिन में ओवरलोडिंग, गलत पार्किंग, फिटनेस आदि के नाम पर जुर्माना देना पड़ता है। किश्त सधाते-सधाते जमीन बिक गई। परिवहन विभाग में कोई काम बिना बिचौलियों को पैसे दिए होता नहीं है। ऐसे में अगर सरकार और प्रशासन की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलेगा तो हमलोग सड़क पर आ जाएंगे। मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार की वाणिज्यिक राजधानी कही जाती है। यहां की फैक्ट्रियों के उत्पाद आस...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.