नई दिल्ली, सितम्बर 6 -- अफगानिस्तान ने हाल के दिनों में विनाशकारी भूकंप के झटकों का सामना किया। इस दौरान हजारों लोगों की जान चली गई। इनमें से कुछ महिलाओं को बचाया जा सकता था, लेकिन तालिबान की रूढ़ीवादी परंपरा के कारण महिलाओं को बचाने के लिए राहतकर्मियों ने उन्हें हाथ नहीं लगाया। इसके कारण कई महिलाओं की मौत हो गई। वो अभी जिंदा थीं। उनकी सांसें चल रही थीं। उम्मीद अब भी बाकी थी। हाथों से इशारे कर-करके मदद की भीख मांग रही थीं। लेकिन अफगानिस्तान में मलबे में दबी इन महिलाओं की जान बचाने से पहले एक शर्मनाक परंपरा को बचाया गया। किसी ने उन्हें हाथ तक नहीं लगाया, क्योंकि वो औरतें थीं। यहां किसी पराये शख्स के द्वारा किसी महिला को छूना गुनाह माना जाता है। एक विदेशी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, कुनार प्रांत के आंदरलुकाक गांव की बीबी आयशा भूकंप के मलबे...
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