नवादा, जून 10 -- नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले की सभी प्रमुख पांचों नदियां धीरे-धीरे सिकुड़ती जा रही हैं। वर्तमान में खुरी जैसी नदियां तो नवादा शहरी क्षेत्र में महज एक नाले जैसा हो कर रह गयी है। पहले खुरी नदी की पाट औसतन तीन सौ फीट चौड़ी थी, अब 30-40 फीट ही शेष रह गयी है। अन्य नदियां भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ कर अपनी अस्तित्व संरक्षा के लिए जूझ रही हैं। नदी की जमीन पर किनारे बसे लोगों द्वारा ही धड़ल्ले से अतिक्रमण किया जा रहा है। नदियों का दोहन भी इनके द्वारा ही सबसे अधिक किया जा रहा है, जबकि यही स्थानीय लोग सबसे अधिक संकट भी झेल रहे हैं। स्थिति दिनोंदिन बदतर होती जा रही है लेकिन नदियों के दिन बहुरते नहीं दिख रहे हैं। अतिक्रमण के अलावा नदियों के अस्तित्व पर नदी में भरता जा रहा गाद और बालू भी परेशानी का सबब बना पड़ा हुआ, जिससे पानी का प्...