नई दिल्ली, मार्च 9 -- -वनवासी युवाओं की आवाज बना जनजातीय छात्र संसद, शिक्षा, संस्कृति और रोजगार पर हुआ व्यापक विमर्श -बैगा, सहरिया, मारिया, मोडिया जैसी अति पिछड़ी जनजातियों का रहा प्रतिनिधित्व नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय छात्र संसद का शुभारंभ रविवार को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हुआ। रविवार को जनजातीय छात्र संसद पूरे दिन चली, जिसमें देशभर के जनजातीय क्षेत्रों से आए 300 से अधिक जनजातीय छात्र सहभागी बने। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आए केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने कहा कि जनजातीय समाज केवल एक समुदाय नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का वाहक है। हमारी प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा सामाजिक समरसता का सर्वोत्तम उदाहरण थी, जहां ज्ञान केवल स...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.