निखिल पाठक, नवम्बर 6 -- दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि डूसू (दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ) चुनाव के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले छात्र नेताओं में न पछतावा है, न ही कोई शर्म। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि छात्र नेता कानून को हाथ में नहीं ले सकते। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि अदालत दिल्ली विश्वविद्यालय का रोज-रोज का कामकाज देखने नहीं बैठी है, बल्कि वह सिर्फ चुनाव प्रक्रिया को लेकर चिंतित है। अदालत ने कहा कि अगर छात्र नेता अपने चुनाव खर्च और ऑडिट की रिपोर्ट दाखिल नहीं कर रहे, तो विश्वविद्यालय कार्रवाई करेगा।दोहराई गईं पिछले वर्ष जैसी हरकतें याचिका में कहा गया था कि सितंबर में हुए डूसू चुनाव के दौरान कई नियमों का उल्लंघन हुआ। कोर्ट ने भी वीडियो और तस्वीरें देखने के बाद म...
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